Online gaming bill or samaj par satta ke parbhav kya hai kyu yeh bill jaroori hai
"Gaming Bill 2025" से तात्पर्य Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 (प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025) से है, जिसे हाल ही में भारत की संसद में पारित किया गया।
यह बिल क्या है?
1. बिल का उद्देश्य
इस बिल का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक राष्ट्रीय और सुसंगत नियामक ढांचा प्रदान करना है। यह चीटी, जुआ और असुरक्षित गेमिंग से निपटते हुए, e-sports और कौशल-आधारित गेमिंग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
2. रियल-मनी गेम्स पर प्रतिबंध
पैसा लगाकर खेलने वाले ऑनलाइन गेम्स—चाहे कौशल पर आधारित हों या मौका-आधारित—पर कठोर प्रतिबंध लगाया गया है।
इनमें फैंटेसी स्पोर्ट्स (जैसे Dream11, MPL), रमी, पोकर, और अन्य “मनी-गेम्स” शामिल हैं।
3. दंड और जुर्माना
अवैध संचालन या प्रचार करने पर: 3 वर्ष तक की कैद और/oder ₹1 करोड़ तक का जुर्माना।
विज्ञापन या प्रमोशन करने पर: 2 वर्ष तक की कैद और/oder ₹50 लाख तक का जुर्माना।
दोहराव होने पर सज़ा और कड़ी हो सकती है—3–5 वर्ष तक की कैद और बड़ा जुर्माना।
4. वित्तीय और विज्ञापन प्रतिबंध
बैंक और वित्तीय संस्थानों को मनी-गेमिंग प्लेटफार्मों से जुड़े लेन-देन को अवरुद्ध करने की अनुमति है।
ऑनलाइन विज्ञापनों में रियल-मनी गेम्स की अनुमति नहीं होगी और उत्तरदायी गेमिंग चेतावनी अनिवार्य होगी।
5. e-sports और कौशल-आधारित गेमिंग को बढ़ावा
e-sports जैसे BGMI, Valorant, CS2 को एक मान्य और सकारात्मक उद्योग के रूप में मान्यता दी गई है।
सरकार ने e-sports बढ़ाने और गेमिंग पेशेवरों / गतिविधियों को समर्थन देने का आश्वासन दिया है।
6. नियामक प्राधिकरण की स्थापना
बिल एक National Online Gaming Commission (NOGC) की स्थापना करता है जो प्लेटफार्मों को लाइसेंस देगा, गेम्स को वर्गीकृत करेगा, और शिकायतों का निपटान करेगा।
7. उपभोक्ता सुरक्षा उपाय
प्लेटफार्मों को उपयोगकर्ताओं की पहचान और उम्र सत्यापित करना होगा, समय और जमा सीमाएँ लगानी होंगी, आत्म-निष्कासन विकल्प देना अनिवार्य होगा।
इनके अलावा, वे डेटा सुरक्षा, धोखाधड़ी-रोधी उपाय और शिकायत निपटान तंत्र उपलब्ध कराने के लिए बाध्य होंगे।
8. बिल पारित हो गया—अब कानून बन चुका है
20 अगस्त 2025 को लोकसभा में, और 21 अगस्त 2025 को राज्यसभा में बिल पारित कर दिया गया।
अब यह Promotion and Regulation of Online Gaming Act, 2025 के रूप में लागू हो चुका है।
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संक्षिप्त सारांश (बुलेट पॉइंट्स में)
विशेषता विवरण
बिल का नाम Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 (अब एक अधिनियम)
दरकिनार किए गए गेम्स सभी रियल-मनी (पैसे वाले) गेम्स—चाहे स्किल- या चांस-आधारित
प्रोत्साहन e-sports और गैर-मनी गेमिंग जैसे कौशल-आधारित खेलें
दंड अवैध ऑपरेशन: 3 वर्ष कैद/₹1 करोड़ जुर्माना; प्रचार: 2 वर्ष/₹50 लाख; दोहराव पर और कड़ा
वित्तीय प्रतिबंध बैंक लेन-देन रोक सकते हैं; विज्ञापन प्रतिबंधित; जिम्मेदार गेमिंग चेतावनी अनिवार्य
नियामक प्राधिकरण National Online Gaming Commission (NOGC)
उपभोक्ता सुरक्षा उम्र सत्यापन, समय/जमा सीमाएँ, आत्म-निष्कासन, डेटा सुरक्षा, शिकायत तंत्र
डिजिटल ढांचा प्लेटफार्मों को लाइसेंस चाहिए, गेम्स का वर्गीकरण, अनुशासनिक कार्रवाई
कानूनी स्थिति भारत सरकार ने इस बिल को लागू कर दी है (अधिनियम की स्थिति में)
उद्योग, खिलाड़ियों और उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव
रियल-मनी गेमिंग कंपनियाँ जैसे Dream11, MPL, Zupee आदि को अपने मॉडल में तुरंत बदलाव करना पड़ा। कुछ ने इन गतिविधियों को रोक दिया है।
खिलाड़ी और गेमिंग समुदाय में काफी उत्साह है—e-sports पर मान्यता से उन्हें पेशेवर दृष्टिकोण से बढ़ावा मिलता दिख रहा है।
सरकार का तर्क: यह कदम मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक सुरक्षा, धोखाधड़ी, आतंकवाद वित्त पोषण और सामाजिक नुकसान रोकने के उद्देश्य से उठाया गया था।
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निष्कर्ष
"Gaming Bill 2025" भारत का Promotion and Regulation of Online Gaming Act, 2025 है—एक व्यापक कानून जो रियल-मनी गेमिंग को प्रतिबंधित करते हुए e-sports और जिम्मेदार
गेमिंग को बढ़ावा देने का काम करता है। यह अब संसद से पारित हो चुका है (20–21 अगस्त 2025) और देश में लागू हो चुका है।
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